कभी सोचा नहीं था की जिंदगी भी कभी एक ऐसा मोड़ लेगी। मै कोई बड़ा लेखक नहीं; हा, इसका मतलब यह भी नहीं के मै लेखक ही नहीं ! ये कुछ नया-सा सफ़र है मेरा साहित्य के ईस अनंत महासागर में। ये भी नहीं पता की खुदको लेखक कहुभी य़ा नहीं ! लेकिन है कुछ लोग जो मुझे इसी नाम से पुकारने और जानने-पहचानने लगे है। तो सोचता हु क्यों न खुद को कुछ वक्त के लिए लेखक कहलूँ ! मेरे विचार; पता नहीं कितनी हद तक सही है, सच्चे है या फिर यूँ कहलो की कितनी हद तक वास्तविकता से मेल खाते है! पर हाँ इतना ज़रूर मालूम है की मै इनका पालन पूर्णतः करता हु अपने व्यक्तिगत जीवन में ! शायद यह कहना भी गलत नहीं होगा की जिस भी मुकाम तक पहुँचा हु जीवन में वह इन्ही विचारो की बदलत ही तो है !
जिन्दगीमें भी शायद कुछ ऐसा ही होता है ना? जिंदगी को देखने का मेरा नजरिया हो सकता है की शायद आप सबसे अलग हो। या शाद यूँ कहूँ की आपमें से किसी को या शायद सभी को इससे आपत्ति हो सकती है, पर ये मात्र मेरे विचार है। मै तो चाहता हु की आप भी मेरे विचारो को जाने और मेरे विचारो पे अपने विचार प्रगट करें ! फ़िलहाल के लिए इतना ही। फिर जल्दी मिलेंगे। आज ही! लेकिन शाम को! आभार एवं क्षमा यदि कुछ गलत कहा हों। नमस्ते !
Very deep and very true.
ReplyDeleteThank you :)
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